Avadh Ojha Sir: दोस्तों, कोरोना महामारी के बाद से ज्यादातर काम ऑनलाइन होने लगे हैं, चाहे वो शिक्षा का हो या कुछ और ही क्यों न हो। अगर आप UPSC एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो आपने ऑनलाइन शिक्षक और यूट्यूबर अवध ओझा सर का नाम जरूर सुना होगा। अवध ओझा सर का अपना खुद का कोचिंग संस्थान है जिसमें वे देश भर के हजारों बच्चों को मोटिवेट करने के साथ-साथ एग्जाम की तैयारी भी कराते हैं। उनके पढ़ाने का तरीका सबसे अलग होता है।
अवध ओझा सर की जीवनी
नाम | अवध ओझा |
पूरा नाम | अवध प्रताप ओझा |
जन्म तिथि | 13 जुलाई 1984 |
Popular Name | Avadh Ojha Sir |
जन्म स्थान | गोंडा, उत्तरप्रदेश |
शैक्षणिक योग्यता | स्नातक |
धर्म | हिन्दू |
स्कूल का नाम | फातिमा स्कूल, गोंडा, उत्तर -प्रदेश |
पेशा | UPSC शिक्षक , मोटिवेशन स्पीकर , लेखक और समाज सेवक |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित (01 मई 2007) |
पत्नी का नाम | मजारी ओझा |
बच्चा | तीन (गुनगुन, बुलबुल, पीहू) |
आधुनिक समय के शिक्षा गुरु अवध ओझा को आज के समय के द्रोणाचार्य के रूप में जाना जाता है।
उनकी यूट्यूब वीडियोज से उन्हें बहुत से UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों ने जाना है। उनके अलग-अलग पढ़ाने के तरीकों से उन्होंने वायरलता हासिल की है।
अवध प्रताप ओझा इनका पूरा नाम है लेकिन लोग उन्हें ओझा सर के नाम से जानते हैं।
2020 के साल में उन्होंने यूट्यूब पर शिक्षा देना शुरू किया और अब तक वे अपने अलग अंदाज से 1000 से भी अधिक छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी करवा चुके हैं।
उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से छात्रों को तैयार कराया है। Avadh Ojha Sir उत्तर प्रदेश के गोंडा में जन्मे थे और
वे खुद भी IAS बनने का सपना देखते थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। जीवन के संघर्षों से निपटकर अब वे सभी UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए डिअर ओझा सर बन चुके हैं।
अवध ओझा सर की शिक्षा
अवध ओझा जी ने फातिमा स्कूल, गोंडा जिला, उत्तर प्रदेश से अपनी स्नातक की पढ़ाई की थी। उन्हें गोंडा से बहराइच पढ़ने के लिए भेजा गया,
जहाँ वह एक साल रहे। फिर उन्होंने अगली पढ़ाई के लिए इलाहाबाद जाना शुरू किया।
अवध के माता-पिता उन्हें मेडिकल फील्ड में तैयारी करवाना चाहते थे, लेकिन अवध को मेडिकल में खास दिलचस्पी नहीं थी।
इलाहाबाद जाने के बाद, जब वे स्नातक कर रहे थे, तब उन्हें UPSC के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं थी और न ही उनका उस दिशा में कोई विशेष झुकाव था।
हालांकि, उनके साथ रहने वाले छात्रों ने UPSC की तैयारी की और उन्हें भी उसमें हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। ओझा ने UPSC में सभी प्रयास किए लेकिन वह इस परीक्षा को क्रैक नहीं कर पाए।
Avadh Ojha Sir Family
अवध सर के परिवार में उनके माता-पिता, उनकी पत्नी और तीन बेटियाँ हैं – बुलबुल, गुनगुन और पिहू। उनके पिता का नाम श्रीमाता प्रसाद ओझा है, जो गोंडा में पोस्ट मास्टर के पद पर थे। Avadh Ojha Sir की पत्नी का नाम मंजारी ओझा है, जिससे वह साल 2007 में शादी कर चुके हैं।
Avadh Ojha Sir Career
ओझा सर एक जाने माने शिक्षक हैं जो अपनी अनोखी पढ़ाने की कला से विख्यात हुए हैं। उन्होंने सिर्फ छात्रों को पढ़ाने के साथ-साथ UPSC की तैयारी में उनका मार्गदर्शन भी किया है।
उनकी UPSC कोचिंग की शुरुआत साल 2005 में हुई थी जब वह इलाहबाद से दिल्ली आए थे।
पहले अवध सर एक कोचिंग संस्थान में हिस्ट्री विषय को पढ़ाते थे जहाँ बच्चों को उनके पढ़ाने का तरीका बहुत पसंद आता था। उसके बाद उन्होंने अपने कोचिंग संस्थान खोलने की यात्रा शुरू की थी।
लेकिन उन समय ओझा जी आर्थिक समस्यों से जूझ रहे थे क्योंकि उनके पास कोचिंग संस्थान और घर के किराए के लिए पैसे नहीं थे। फिर भी, 2007 में मंजारी ओझा से उनका विवाह हो गया था
जब वह केवल 21 वर्ष के थे। किराए के लिए पैसे निकालने के लिए, वे लगभग 7 महीने तक रात में 8 से 2 बजे तक बारटेंडर की नौकरी करते थे और दिन के समय कोचिंग में पढ़ाते थे।
ओझा सर ने 2019 में महाराष्ट्र के पुणे में IQRA कोचिंग की शुरुआत की थी। उन्होंने शुरुआत में एक बच्चे को पढ़ाना शुरू किया था, जिससे धीरे-धीरे उनकी कोचिंग संस्था में बच्चों की संख्या बढ़ती गयी।
साल 2020 में उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरु किया, जहाँ कई बच्चे UPSC की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने पहले चाणक्य आईएएस एकेडमी, वाजीराम रवि आईएएस एकेडमी, एबीसी एकेडमी ऑफ सिविल आदि जैसी कई कोचिंग संस्थाओं में पढ़ा चुके है।
Conclusion
इसके रूप में, हमने देखा कि अवध ओझा एक बहुत ही प्रभावशाली शिक्षक हैं जो अपनी पढ़ाने की अनोखी कला से पूरे देश में उभर रहे हैं।
उन्होंने अपने जीवन के सभी संघर्षों के बावजूद अपने सपनों के लिए काफी मेहनत की है। उनकी कला और उनकी दृष्टि देश के बच्चों को UPSC जैसी विषम परीक्षाओं के लिए तैयार करने में मदद कर रही है।
उनकी सफलता का सबसे बड़ा कारण उनकी प्रतिभा, मेहनत और लगन है जिससे वे अपने बच्चों को सफल बना रहे हैं। यह एक मोटिवेशनल कहानी है जो हमें उत्साहित करती है अपने सपनों की पूर्ति के लिए मेहनत करने के लिए।